HANUMAN CHALISA NO FURTHER A MYSTERY

hanuman chalisa No Further a Mystery

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व्याख्या – देवता, दानव और मनुष्य तीनों ही आपके तेज को सहन करने में असमर्थ हैं। आपकी भयंकर गर्जना से तीनों लोक काँपने लगते हैं।

व्याख्या – श्री हनुमान जी परब्रह्म राम की क्रिया शक्ति हैं। अतः उसी शक्ति के द्वारा उन्होंने भयंकर रूप धारण करके असुरों का संहार किया। भगवान् श्री राम के कार्य में लेश मात्र भी अपूर्णता श्री हनुमान जी के लिये सहनीय नहीं थी तभी तो ‘राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम‘ का भाव अपने हृदय में सतत सँजोये हुए वे प्रभु श्री राम के कार्य सँवारने में सदा क्रिया शील रहते थे।

You may have the essence of Ram bhakti, may well You usually continue to be the humble and devoted servant of Raghupati. 

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

All problems stop for the 1 who remembers the potent lord, Lord Hanuman and all his pains also come to an stop.

गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट: सत्य कथा

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They arrest Hanuman, and underneath Ravana's orders acquire him to your community execution. There, Ravana's guards get started his torture by tying his tail with oiled fabric and read more environment it on fire. Hanuman then leaps from just one palace rooftop to another, burning everything down in the method.[62]

बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे ।

A while just after this occasion, Hanuman begins applying his supernatural powers on harmless bystanders as basic pranks, until eventually sooner or later he pranks a meditating sage.

तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।

व्याख्या – सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार वज्र एवं ध्वजा का चिह्न सर्वसमर्थ महानुभाव एवं सर्वत्र विजय श्री प्राप्त करने वाले के हाथ में होता है और कन्धे पर मूँज का जनेऊ नैष्ठिक ब्रह्मचारी का लक्षण है। श्री हनुमान जी इन सभी लक्षणों से सम्पन्न हैं।

तिन के काज सकल तुम साजा ॥२७॥ और मनोरथ जो कोई लावै ।

Getting polished the mirror of my heart Using the dust of my Guru’s lotus ft, I recite the divine fame of the greatest king of Raghukul dynasty, which bestows us with the fruit of many of the four attempts.

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